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लोग हमेसा बेवकूफ नहीं बनते प्रेरणादायक कहानी

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    1 ) एक गाव था उसमे एक लड़का रहता था, हमेसा वो गाव वालों को ये कहकर हेरान करता था , जब भी गाव वाले सोने जाते तो वो ये कहता के घर के बाहर मत निकलो शेर आ गया है, एसा कुछ समय तक सभी गाव वाले उसकी बात पर विश्वास करके जेसा वो लड़का कहता वेसा वो करने लगे, लेकिन हुआ क्या अब पानी हद से ऊपर चला गया था वो ज्यादा ही गाव वालों को इस तरह से हेरान करने लगा था , लेकिन कुछ समय के बाद गाव वालों को पता चला के वो सबको झूठ बोलता है , गाव वालों ने उसको सबक सीखने का सोचा कहा के अब ये जब भी कहेगा शेर आया था कोई निकलेगा नहीं ओर इसे रंगे हाथ पकड़ेंगे , अब हुआ क्या एक दिन की बात है सही मे शेर आया ओर उस लड़के ने ज़ोर-ज़ोर से गाव के वालो को बुलाना सुरू किया के शेर आया - शेर आया लेकिन कोई भी घर से नहीं निकला ओर जब देखने ले लिए निकला तब तक शेर जंगल मे उस लड़के को लेके जा चुका था.... इसलिए कहते है हमेसा आप अगर झूठ बोलते रहोगे तो जिस दिन आप सच बोलने की कोसिस करोगे तो भी लोगो ो झूठ ही लगेगा इसलिए हो सके उतना झूठ कम बोलिये, जिससे लोगो को आपके ऊपर भरोसा रहे और वो आपकी बातो पे विश्वास कर सके।    आपको इस कहानी से क्या सीख मिल

आई हुई opportunity को कभी न छोडे प्रेरणादायक कहानी

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एक मे आपको एक कहानी सुनती हु इस कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा लेकिन उसके लिए आपको इस कहानी को पूरा पढ़ना पड़ेगा, एक बार की बात है एक लड़का था जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पड़ रहा था उसकी पढ़ाई अभी चल रही थी, वेसे वो बहुत ही गरीब परिवार से था  लेकिन वो बहुत महनती भी था वो अपनी पढ़ाई का खर्चा खुदसे निकालने के लिए  पेट्रोल पम्प पे जोब करता था, एसे करते करते उसे काफी समय को गया था  एक बार की बात है उस पेट्रोल पम्प पे एक इंसान खुदकी कार मे पेट्रोल भरवाने आया, वही लड़का जो इंगिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था उसने उसका पेट्रोल भरा ओर बहुत अच्छी तरह से बात की अब इस तरह से बात करता देख उस कार वाले को लगता है ये पेट्रोल पम्प वाला तो नहीं लगता है  चलो मे इससे पूछता हु ये क्या करता है फिर वो कार वाला उस लड़के से पूछता तुम यहा पे काम करते है लेकिन बात करने से तो तुम कोई पड़े लिखे इंसान हो एसा पता चलता है, तो तुम यहा क्या कार रहे हो, फिर जो पेट्रोल पम्प पे काम करने वाला लड़का उसको सब अपनी हाल बताता है मे इंगिनियरिंग पढ़ रहा हु लेकिन मेरे घर की परिस्थिति अच्छी नहीं है इसलिए मे यहा काम करता हु , कार मे इं

हमेसा दूर की सोच रखे प्रेरणादायक कहानी

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                                          संदीप ओर हार्दिक      1) बहुत समय पहले की बात है एक गाव था जिसमे दो भाई रहते थे जिसका नाम था हार्दिक ओर संदीप .....  अब वो बड़े हो चुके है एक दिन दोनो बात कर रहे थे भाई हम बड़े हो चुके है कुछ काम धंधा तो ढूँढना पड़ेगा, चलो कुछ करते है उसका भाई बोलता है एकदम सही बात है, फिर वो बहुत सी जगह पर काम ढूंढते है लेकिन उन्हे काम नहीं मिलता है, अब इसमे होता क्या है....जो बड़ा भाई है वो शरीर मे एकदम हट्टा कट्टा होता है लेकिन छोटा भाई दिमाग वाला होता है हार्दिक कहता है संदीप से भाई हम दुनिया भर मे काम के लिए भटक रहे है लेकिन हम अपने गाव मे ही काम सुरू कर सकते है संदीप बोलता है वो केसे... ? फिर हार्दिक बोलता है भईया एसा है की आपको पता है हमारे यहा पानी की कितनी बड़ी समस्या है, लोगो को पानी लेने के लिए पूरा पहाड़ चड़ के जाना पड़ता है उसमे लोग बहुत थक जाते है, तो मेरे दिमाग मे एक तरकीब है के हम लोगो के लिए  पानी लेके आएंगे जिसके बदले मे लोग हमे पेसे देंगे, उसके बड़े भाई को भी ये तरकीब अच्छी लगती है ओर वो दोनों ये काम करना सुरू कर देते है, अब हुआ क्या बड़ा भ

दूसरो की मत सुनो सिर्फ खुदकी सुनो प्रेरणादायक कहानी

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एक बहुत बड़ा गाव था उस गाव मे एक बहुत बड़ा कुआ था उस कुए मे बहुत सारे मेढक रहते थे, उन मेढक की टोली मे एक सबसे बूढा मेढक रहता था जो उस मेढक की टोली का मुखिया था, जो वो मेढक कहता था सभी  मेढक पुरुष उसकी बात मानते थे, और वही करते थे.... एक दिन उस बूढ़ा मेढक ने कहा हमारे यहा बरसो से एक स्पर्धा चली आ रही है , जो भी पुरुष मेढक है उस स्पर्धा मे भाग लेते है ओर जो भी जीत जाता है वो इस मेढक की टोली मे सबसे बहादुर मेढक माना जाता है,  ओर ये स्पर्धा बहुत बरसो से चली आ रही है,  अब वो बूढ़ा मेढक कहता है जो भी इस स्पर्धा मे भाग लेना चाहता है वो सभी मेढक आगे आ जाइए, ओर कुछ मेढक तो एसे थे जो दूसरी बार इस स्पर्धा मे भाग ले रहे थे , फिर क्या जो भी मेढक को  दिलचसबी थी वो मेढक आगे आ गए स्पर्धा मे बाग लेने के लिए, और नाम लिखवाने लगे उसमे सभी मेढक हट्टे कट्टे दिख  रहे थे, लगता था के ये जीत ही जाएंगे ओर उसमे से एक  मेढक  एसा भी था जो एकदम कमजोर दिख रहा था ओर सबसे छोटा  मेढक   था वो जीतने भी स्पर्धा मे  मेढक  थे उनके सामने,  अब स्पर्धा सुरू होती है  सभी  मेढक  स्पर्धा मे उतरते है , उस स्पर्धा मे करना य

काश भूख होती तो अच्छा होता प्रेरणादायक कहानी

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मे आपको अकबर ओर बीरबर की मस्त कहानी सुनती हु  अब आप सोचोगे ये मेने अकबर और बीरबल की कहानी तो बहुत सुनी है तो मे क्यू सुनू, लेकिन ये कहानी सबसे हट के है आपको बहुत ही मजा आएगा लेकिन उसके लिए आपको इस कहानी को पूरा सुनना पड़ेगा। एक बार की बात है अकबर ने बीरबल को एक पहेली दी ओर उसने वो पहेली को बहुत ही आसानी से सुलझा भी दि, यहा देख कर अकबर बहुत खुस हो गया ओर उसने सोचा के मे बीरबल के लिए एक बहुत बड़ा भोज आयोजन करता हु जिससे बीरबल को बहुत अच्छा लगेगा ओर वो बहुत खुस होगा । अकबर : बीरबल को बुलाया ओर कहा तुम्हारे लिए दो दिन के बाद एक बहुत बड़ी खुसखबरी है जिसे देख के तुम बहुत खुस होगे मेने सिर्फ तुम्हारे लिए आयोजित किया है लेकिन मे अभी वो तुमको नहीं बता सकता । बीरबल : ठीक है जनाब । अब दो दिन के बाद बीरबर को बुलाया ।   अकबर :देखो मेने तुम्हारे लिए एक भोजन सांभरो तयार किया है बताओ ये सब तैयारी तुमको केसी लगी । बीरबल : बहुत अच्छी है जनाब । अकबर : अब अकबर पहली डिश को चखने के लिए ले जाता है ओर कहता है चख कर बताओ  केसी लगी ये डिश तुमको । बीरबल : बिचारा बीरबर सोच मे पड़ा है मुझे भूख नहीं लगी, ले

काम ऐसा करो जिससे लोग हमेसा आपको याद करे प्रेरणादायक कहानी

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  एक बहादुर चिड़िया की कहानी  एक बहुत बड़ा जंगल था उसमे सब तरह के पसू ओर पक्षी रहते थे।  सेर, चीते,हाथी, चिड़िया , गिलहरी, लोमड़ी, इत्यादि... जंगल तो बहुत हारा भरा था सभी जगह दूर दूर तक हरयाली दिख रही थी, जंगल के सभी पशु पसु-पक्षी बहुत खुश रहते है। थोड़े समय तक सब ठीक चल रहा था, लेकिन अचांचक जंगल मे एक भीषण आग लग जाती है, और सब तहस नहस हो जाता है,  जिससे अब सभी पसू पक्षी चिंता मे पड़ जाते है, एक दूसरे से बाते करते है के अब क्या होगा हमे ये हमारा प्यारा जंगल छोड़ के जाना पड़ेगा मयूष मन से एक दूसरे से कहते है... सबसे ज्यादा जंगल का राजा भी चिंता मे पड़ जाता है वो भी हार मान लेता है के अब इस प्रोब्लेम का ओई भी हल नहीं है, अब हमे इस जंगल को छोड़ ए जाना ही पड़ेगा फिर अचानक एक चिड़िया की आवाज आती है  ओर वो कहती है के मे नहीं जाऊँगी ये इस जंगल की आग को मे भुजाऊंगी  सब हसने लगते है चिड़िया रानी आप अकेले ये काम को नहीं कर सकती हो ओर हम आपका साथ भी दे फिर भी कुछ फाइदा नहीं है क्यूकी इस जंगल बहुत ज्यादा ही आग लग गई है ओर अब ये पूरे जंगल मे फेल गई है तो हम कुछ भी नहीं आर सकते  चिड़िया रानी फिर भी नहीं मानती है

एक ढ़ोल की प्रेरणादायक कहानी प्रेरणादायक कहानी

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  एक ढ़ोल की कहानी   बहुत समय पहले की बात है दो गाव थे, पहले गाव का नाम था मणिनगर गाव ओर दूसरे गाव का नाम था गुलबईटेकरा गाव दोनों ही गाव मे पानी की बहुत बड़ी समस्या थी, जिसका हल दोनों ही गाव के पास नहीं था तो एक दिन दोनों गाव के मुखिया एक दूसरे से बात कर रहे थे  मणिनगर गाव का मुखिया : भाई हमारे यहा पानी की बहुत बड़ी समस्या है मयुषी से  कहता है  गुलबईटेकरा गाव का मुखिया : भाई समस्या तो हमारे यहा भी है, क्या कर सकते है भाई आप ही बताइये ये भी दुखी मन से कहता है ।     मणिनगर गाव का मुखिया : भाई मेने सुना है की एक ओर गाव है, राजकोट गाव वह भी अपने जेसा हाल था लेकिन उनके पास एक चमत्कारी ढ़ोल है जिसको बजाने से उस गाव मे बरीश हो जाती है ओर वो हर साल यही करते है जिससे उनके गाव मे अब एसी बारिश की समस्या नहीं होती है , ओर ये भी सुना है भाई ये ढ़ोल उनको किसी चमत्कारी बाबा ने दिया है ओर ये ढ़ोल सही मे बहुत चमत्कारी है     गुलबईटेकरा गाव का मुखिया : भाई एसा है लेकिन मे ये सब नहीं मानता ये सब बकवास होता है मेरी मानो तो आप भी ये सब बातो मे टाइम मत बर्बाद करो, ( गुलबईटेकरा गाव का मुखि