दूसरो की मत सुनो सिर्फ खुदकी सुनो प्रेरणादायक कहानी

एक बहुत बड़ा गाव था उस गाव मे एक बहुत बड़ा कुआ था उस कुए मे बहुत सारे मेढक रहते थे, उन मेढक की टोली मे एक सबसे बूढा मेढक रहता था जो उस मेढक की टोली का मुखिया था, जो वो मेढक कहता था सभी मेढक पुरुष उसकी बात मानते थे, और वही करते थे.... एक दिन उस बूढ़ा मेढक ने कहा हमारे यहा बरसो से एक स्पर्धा चली आ रही है , जो भी पुरुष मेढक है उस स्पर्धा मे भाग लेते है ओर जो भी जीत जाता है वो इस मेढक की टोली मे सबसे बहादुर मेढक माना जाता है, ओर ये स्पर्धा बहुत बरसो से चली आ रही है, अब वो बूढ़ा मेढक कहता है जो भी इस स्पर्धा मे भाग लेना चाहता है वो सभी मेढक आगे आ जाइए, ओर कुछ मेढक तो एसे थे जो दूसरी बार इस स्पर्धा मे भाग ले रहे थे , फिर क्या जो भी मेढक को दिलचसबी थी वो मेढक आगे आ गए स्पर्धा मे बाग लेने के लिए, और नाम लिखवाने लगे उसमे सभी मेढक हट्टे कट्टे दिख रहे थे, लगता था के ये जीत ही जाएंगे ओर उसमे से एक मेढक एसा भी था जो एकदम कमजोर दिख रहा था ओर सबसे छोटा मेढक था वो जीतने भी स्पर्धा मे मेढक थे उनके सामने, अब स्पर्धा सुरू होती है सभी मेढक स्पर्धा मे उतरते है , उस स्पर्धा मे करना य