आत्माविश्वाश के साथ अपनी सारी प्रॉब्लम को दूर करे।

आत्माविश्वाश ( confidence ) के साथ अपनी सारी problem को चुटकियो में कैसे दूर करे।




आत्मविश्वास ( confidence ) का होना आपकी लाइफ में बहुत ही जरुरी है अगर आत्मविश्वास ( confidence ) नहीं होता है, तो आपकी लाइफ में बहुत सारी problem  आना सुरु हो जाती  है और आप उसी में उलझते रह जाते हो। 

क्यू ना हमारी लाइफ में जो भी problem  आ रही है , उसे हम हमेसा के लिए solve  कर दे। 
अब problem  हमारी life  में क्या क्या आ सकती है उसे हम deep में discuss करते है। , उसे अगर अलग तरीके से कहे तो ये problem  हमारी life से चली जाये तो life भाई बिलकुल set  हो जाये यानी मस्त हो जाये। 
अगर हमारे अंदर आत्माविश्वाश नहीं होता है तो problem  कोनसी कोनसी आ सकती है, वो में आपको इस blog  में  बताती हु। 
 
१. जब हम छोटे होते है तो हमारे दोस्तों के सामने खुल के बात नहीं कर पाते है. 
 Stage  पे performance  करने में डर लगता है , confidence  से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पते है। ऐसा आपके साथ  क्यू होता है ये आप भी समझते है क्यों की आपमें confidence  की बहुत ही कमी है।  

२. School में जो सवाल का जवाब आपके दोस्त आसानी से दे देते है. लेकिन आपके लिए आसानी से जवाब देना बहुत ही मुश्किल होता है और आप कभी कभी आपने दोस्तों को देख कर हैरान भी हो जाते है के ऐसा में क्यों नहीं कर पाता हु।  आप के लिए इतना मुश्किल क्यों हो जाता है, और सवाल का जवाब अगर आपको मन में आ भी जाता है तो खुदपे विश्वास नहीं होता है की ये सही होगा या गलत इस confusion में आप उस सवाल का जवाब नहीं दे पाते हो और इस वजह से आप सवाल का जवाब नहीं दे पते हो और आपके सर के सामने आपकी impression  बहुत ख़राब हो जाती है।  ये बात आपको सोचने पे काफी मजबूर कर देती है , लेकिन आपको अभी तक इसका solution  नहीं मिला है और बहुत से लोग इस problem  से अभी तक जूझ रहे है। 

३. यही problem  आपको जब आप बड़े होते हो तब भी होती है. उस समय भी confidence  के साथ दोस्तो के सामने आप कुछ बोल नहीं पाते हो और इसी वजह से और लोग आपकी हसी उड़ाते रहते है। और आप लोगो के लिए एक न समझ इंसान बन के रह जाते हो। 

४. Confidence  न होने की वजह से आपके हाथ से बहुत सारे अवसर ( opportunity ) निकल जाते है 
जैसे की आप interview में सही जवाब नहीं दे पते हो, आपको जो भी सवाल पूछा जाता है वो सारे  सवालो के जवाब आते है लेकिन आप confidence  की कमी की वजह से उसके जवाब आप दे नहीं पते हो। अगर आप job  में पास भी हो जाते हो, आपको नौकरी भी मिल जाती है, फिर आप कुछ समय के बाद अच्छा काम भी कर रहे हो , और कंपनी का  benefit  भी करवा रहे हो, फिर भी आप वही के वही हो,आप से कम काम करने वालो की income  बड रही  है लेकिन  आपकी नहीं, क्युकी आप बोलने से डरते हो अपनी income  बढ़ाने के लिए, जब तक आप बोलोगे नहीं तब तक ऐसा ही चलता रहेगा आपको बोलना पड़ेगा खुदके लिए, जो जरुरी है। 


५. हम किसी को पसंद करते है लेकिन बोलने से डरते है के वो हा  बोलेगी / या बोलेगा, या फिर मना कर देगा में उसके लायक नहीं हु वो मुझसे ज्यादा अच्छा लगता है, मेरी लम्बाई काम है, में कला हु, पतला हु, मोटा हु, आखो पे चस्मा है, मेरी आवाज खराब है, उम्र ज्यादा है , में गरीब हु, ये सारे problem  आते है।
 

६. और ज्यादा तर ये सारी कमी लोगो की वजह  से ही आती  है क्युकी सुरु से middle class  फेमिली अपने बच्चो को middle  class सोच से ऊपर ही नहीं आने देती है, घर में अगर कोई छोटा बच्चा  हो तो उसे हमेसा यही समझाते है की तू ऐसा मत कर, वैसा मत , यहाँ मत जा , वह मत जा, अगर तूने ऐसा किया तो बाजु वाले अंकल क्या सोचेंगे, उनके लड़के देख जैसा बन और तू वैसा ही बन, आप अपने बच्चे को motivate  करो किसी जैसा बनने के लिए लेकिन उस पर दवाब मत डालो, बड़े होके job करना, बच्चे के परवरिस  में ही उसके दिमाग में जोब करने का ही डाला हुआ है, उसे सिर्फ job की सोच में जकड लेते है,क्या लगता है हम जोब करके successful  बन सकते है। जवाब में होगा नहीं, तो क्यों हम अपने बच्चे को job करना ही सिखाते है। क्यों ना हम उसे business  करने की पहले से प्रेरणा दे। जिससे वो बड़ा होके जोब ना करके business  को ज्यादा महत्व दे।

जैसे की: एक हाथी जब छोटा होता है तब उसे एक छोटी सी जंजीर से बाँधा जाता है वो हाथी उस जंजीर को तोड़ने की बहुत कोसिस करता है लेकिन तोड़ नहीं पाता है लेकिन जब वो हाथी बड़ा हो जाता है उसमे बहुत शक्ति आ जाती है वो चाहे तो कुछ भी उखाड़ सकता है, फिर भी हाथी उस जंजीर को तोड़ने का प्रयास नहीं करता ?, क्युकी उसके दिमाग में पहले से डाल दिया के ये जो तेरे पैर में जंजीर बांधी है वो तू तोड़ नहीं सकता इसलिए हाथी बड़ा होने बाद भी उस जंजीर को तोड़ने का प्रयास नहीं करता, इसी तराह से middle class  फैमली के बच्चो के साथ भी होता है वो बड़े होके भी उनकी job न करके business  करने वाली सोच को कभी अपना नहीं पाते है और वो अपने बच्चो को भी job करने की सोच देते है ऐसे ही चक्र और सोच चलती रहती है 
 
७. इसलिए middle class  जो लोग होते है उनके बच्चे business  करने से डरते है। उनको यही डर लगा रहता है के नुकसान हो  जायेगा।  इसलिए वो job करने का रास्ता अपनाते है। और हमेसा job में ही रह जाते है ,ये तो है की job करने से कोई successful  नहीं बन पाया है। , तो क्यों न खुदकी सोच को बदला जाये खुदके लिए अपने बच्चो के लिए उनके आने वाले भविष्य के लिए। 


क्यों ना problem  हमारी life से चुटकियो में दूर हो जाये उसका एक permanent  solution  लाया जाये। 

 Confidence  2 तरह का होता है

1. एक वो जो खुद से आता है।
2. और एक वो जो लाना पड़ता है।


१.  खुदसे जो confidence आता है वो हमेसा के लिए रहता है उसके लिए किसी भी motivation  की जरुरत  नहीं होती है , इससे हमारी सारी problem  का solution   मिल जाता है, इसे अगर हमें बचपन से ही सिखाया जाये तो हमें कोई भी problem  को झेलना न पड़े। लेकिन confidence  भी सही समय पे आना चाहिए तो ही काम आता है उसे किस समय पे उपयोग करना है वो एक कला है , ये कला जिस इंसान को आती है कभी लाइफ में कभी पीछे मूड  के उसे देखने की जरुरत नहीं पड़ती है। 

सेल्फ confidence  बढ़ाने के लिए बहुत सारे तरीके है। 

में आपको ऐसे तरीके जरूर बताउंगी जो आपके अंदर confidence  की कमी को हमेसा के लिए दूर कर देगा। , लेकिन आपको ये सारे तरीके अपनाने पड़ेंगे तो ही ये तरीके काम करेंगे। 



१ )  खुदको comfortable 
 
हो ऐसे कपडे आप पहने : वो चाहे indian  हो या western कपडे आपको comfortable  होना चाहिए जिससे आपको किसी भी तरह की झिझक नहीं रहेगी। 
मेने खुद इस बात को feel  किया है। , जैसे की अगर हम interview  में professional कपडे पहनकर जाते है, तब  हमारा confidence  अलग ही होता है 
अगर आप देखो तो जो बड़े बड़े महत्मा है उनका एक अलग ही लुक होता है क्युकी उनको जो comfortable लगता है  वो अपने हिसाब से ही पहनते है , लेकिन comfortable के साथ साथ वो कपडे ठीक ठाक दिखने भी चाहिए। 
हमें कपड़ो पे खर्चा करना चाहिए लेकिन अगर हमारे पास  १० जोड़ी कपडे लेने के पैसे है लेकिन में कहती हु ५ जोड़ी ही लो लेकिन अच्छे लेने चाहिए।  जिससे आप कही भी जाओ तो आपकी एक अलग ही पहचान बने, और नया look आपका दिखाई दे। जिससे लोग आपको देख कर प्रभावित होगे। 
 

२ ) ऐसे काम करिये जो confidence  वाले लोग करते है :आप अपने  आजु बाजु के लोगो को observe  करना सुरु करे उसमे जो लोग confidence  से बारे हुए होते है उनकी आदतों को देखे उनको notice  करे। , अगर आपके आजु बाजु में कोई ऐसा नहीं है तो निरास होने की बिलकुल बात नहीं है, जो लोग कामयाब हो गए है
जैसे की : अच्छे लेखक , बड़े business  man / women , खिलाडी , अच्छे नेता , ऐसे लोगो के interview  को देखना सुरु करे , कुछ उनकी जो अच्छी आदते है उनको follow  करना भी सुरु करे।  लेकिन  ये जरूर धियान रहे की  अगर आप किसी हीरो heroine  को follow  करते हो तो उनके हर एक चीज को follow  करने की  जरुरत न करे , वो लोग अभी बहुत महगे कपडे पहनते है , अच्छी घडी , अच्छे बूट  और चम्पल।  ये में आपको इसलिए clear  कर रही हु follow  करने के चक्कर में आप फिर आपके घर के लोको को परेशान  करेगे चीजों के लिए। 
 
FOLLOW में आप क्या चीजे कर सकते हो में बताती हु। 
 
*उनके बात करने का तरीका। 
*उनके उठने/बैठने का तरीका। 
*वो किस तरह के program  ( WORKSHOP ) attend करते है। 
*वो अपने काम और life  को एक साथ कैसे manage करते है। 
*आप एकदम धीमे और एकदम तेज चिल्लाके बिलकुल भी बात न करे। 
*गुस्से पे काबू रखे।  ये हमेसा याद रखे सीधा खड़ा  हुआ पेड़ हमेसा जब आंधी आती है तो सबसे पहले वही गिर जाता है  ,और जिन पेड़ो में सबसे अधिक फल होते है वो पेड़  हमेसा झुके हुए ही होते है।
*जब भी आप किसी से बात करे मुस्कुराकर और eye contact करिये बिलकुल भी आपको नजरे चुरा कर बात नहीं करनी है 
*और जैसे आपकी class  में जो बच्चे डरते नहीं है वो पहली बैंच  पे बैठते है तो कोसिस करे आप भी पहली बैंच पे ही बैठे , क्युकी पहली बार अगर आप बैठते है तो आपको डर  लगेगा लेकिन आपको जब इसकी आदत हो जाएगी तब एक अलग की confidence  आपके अंदर आ जायेगा। और आपको बिलकुल डर नहीं लगेगा। 




३ ) खुद के छोटे छोटे लक्ष्य ( small goal ) बनाइये ( target  लगाइये ) : आप अपना एक बड़ा लक्ष्य ( big goal ) बनाइये लेकिन उसे पहले छोटे छोटे टुकड़ो में बाट लीजिये। उसे टुकड़ो पूरा कीजिये जिससे आपका लक्ष्य भी पूरा हो जायेगा और धीमे धीमे confidence  भी आ जायेगा। 
जैसे की : Marcedes car लेनी है यहाँ आपने जो सपना देखा है वो बहुत अच्छा है लेकिन सुरु अपने छोटी चीजों से करेंगे जैसे की पहले छोटी ( NANO CAR ) car लेंगे फिर उससे बड़ी car ( SWIFT CAR ) लेंगे फिर ( MARCEDES CAR ) लेंगे।  जिससे जैसे जैसे हमारे छोटे छोटे Target पुरे होंगे वैसे वैसे हमारा confidence  बढ़ता जायेगा , अगर हम Directly बड़ा Target लगा लेते है तो अगर वो पूरा नहीं होता है तो हमारा confidence  कम हो जायेगा फिर हम कोसिस ही नहीं करेंगे , फिर जो हमने Target लगाया था उसे पूरा करने की इसलिए सुरुवात छोटे Target से ही करनी चाहिए लेकिन planing  आपको बड़े target  का भी बनाके रखना चाहिए।




४ ) नाकामियों से बिलकुल न घबराये : अगर आप नाकामयाब हो जाते हो तो आप उससे बिलकुल न घबराये , क्युकी अगर आप कुछ करोगे तो कामयाब या नाकामयाब होते हो, कोई भी चीज को करना बहुत जरूति है और जो लोग आपकी हसी उड़ाते है उसे आप उड़ाने दो क्युकी उनके पास लोगो की हसी उड़ाने के लिए बहुत सा Time है ,जब आप कुछ करते हो तो सबसे पहले आपको वो मना, करेंगे फिर आपकी हसी उड़ाएंगे , फिर कुछ दिनों के बाद भूल जायेंगे , और जब आप कामयाब हो जाओगे तो फिर वही लोग दूसरे से कहेंगे के इसे तो पहले से ही जनता था के ये जिंदगी में कुछ बड़ा करने वाला है / वाली है, इसलिए काम को आप  महत्वा दो लोगो की फालतू बातो को नहीं, और जो लोग आपकी बुराइया करते है , आपको जलील करते है ऐसे लोगो को बिलकुल भी Time  न दे। , और अगर कोई आपके काम के प्रति आपको हतास करने की कोसिस करता है तो आप बिलकुल हतास न हो सिर्फ अपने काम को महत्व दे।




५ ) सकारात्मक लोगो के साथ उठना बैठना रखे: दोस्तों, में इसलिए बता रही हु की हमारा माहौल (संगत ) हमरे लिए बहुत जरुरी है , क्युकी हम जैसी संगत में रहते है वैसे ही बनना सुरु कर देते है , 

जैसे की : खाना हम जैसा खाते है वैसा ही हमारा सरीर दिखने लगता है ( अच्छा healthy food खाते है तो हमारा सरीर भी feet हो जाता है और unhealthy food खाते है तो हमारा सरीर भी मोटा हो जाता है ) और आज कल लोग सकरात्मत बात बहुत काम करते है , नकारात्मक बाते ही उनके बिच में होती रहती है , जैसे की किसी की हसी उड़ाना , लोगो को परेशान करना , उनकी चुगली बुराइया करना और भी।
आप ऐसा बुल्कुल मत करें अपने काम को ही महत्व दे, अगर आप किसी अच्छे इंसान को दुख पहुंचाते हो, तो कुदरत आपको कभी कामयाब नहीं होने देगी ये धियान रखे।





काम को सरल समझें
काम को हमेसा सरल समझें।
६ ) आप कोई भी काम को हमेसा सरल समझे: ज्यादा तर हम कोई भी काम को देखते है उसे करने से पहले ही उस काम को बहुत कठिन समझ लेते है , लेकिन ऐसा नहीं होता है, आप एक बार करने की कोसिस तो करिये सायद आपको वो काम करने में मजा आये और आपको आसान भी लगे , कोई भी नया काम होता है उसे करने में कठिनाइया आती है लेकिन वो, नहीं हो सकता ऐसा नहीं है सिर्फ एक बार सुरु करने की जरुरत है।  



७ ) आपको नई नई बाते को सीखते रहना चाहिए: जो लोग कामयाब होते है बे हमेसा कुछ न कुछ सीखते रहते है , वो खुदका Time बिलकुल बरबाद नहीं करते है।  , नई किताबे पड़ते  है , नई workshok attend करते है , कुछ न कुछ नई skills को सीखते रहते है। , ये बात आप जरूर याद रखिये अगर हम किसी की तरफ प्रभावित होते है, तो जरूर ही उसमे कोई न कोई अनोखी बात होती है उसमे एक अलग knowladge होता है, इसलिए हम उस की तरफ प्रभावित होते है।

              "मधुमखी  जब तक ही छत्ते में रहती जब तक उसमे                        मधहोता  है 
               बाकि वो उड़ जाती है  "
      
इससे आप बहुत कुछ सिख सकते हो , और आप रोज १० mint खुदसे बात करने के लिए जरूर निकले आपकी problem  का solution भी आपके पास ही होता है आप दूसरे से पूछने की जगह आप खुदसे ही पूछो।





५ ) रिस्क लेना कभी कम मत करें : आज कल लोग risk  लेने से बहुत डरने लगे है, उनको business  करने                                                         मे डर लगता है, किसी से बात करने मे डर लगता है, लेकिन ऐसा  क्यू होता हैं, आपने अगर कामयाब लोगो के बारे मे पढ़ा हो तो वो एक बार मे ही कामयाब नहीं बन गए थे, उन्होंने बहूत कोशिस की थी तब जाके कामयाबी उनको मिली थी, अगर वो लोग एक बार कोसिस करने मे ही हर मान लेते तो क्या कामयाबी मिल पति..?
उन्होंने हजारों बार कोसिस की हैं तब जाके ये कामयाबी उनको मिली है , इसलिए हार कभी मत मनो और अगर आप हार भी जाते हो तो कोसिस करना बिलकुल मत छोडो , 

                          " और वो तो आपने सुना ही होगा रिस्क है 
                           तो इश्क है "

  

६ ) किसी एक चीज में आप बेहतर बनिए : आपको हर चीज में बेहतर बनने की जरुरत नहीं  है आजतक कोई बन भी नहीं पाया है , अगर आपको कामयाब बनना है तो किसी एक चीज में बेहतर बन जाइये। वो आपसे बेहतर कोई न कर सके आप उसमे ऐसे बन जाइये , आप अपने हुनर को पहचानिये और उसी में कुशलता प्राप्त करिये।
जैसे की : cricket   , dance , music , writer  ,  teacher ।  ये सब आपको उदाहरण के तोर पे आपको बताया है लेकिन आपके अंदर कोई भी हुनर हो आप उसे सुधार सकते है और ऐसा हुनर खुदमे ला सकते हो जो किसी और में न हो , ऐसे हुनर की लोग तलाश करते है जो बहुत जरुरी है।, अगर आप किसी एक field  में भी माहिर हो जाते तो तो आपका confidence  बना रहता है।  इसलिए आपके हुनर पहचानना आपके लिए बहुत ही जरुरी है। , खुदके हुनर को जो लोग पहचान कर आगे बड़े है , जैसे : सचिन तेंदुलकर, माधुरी दीक्षित , लता मंगेशकर,  ऐसे आप बहुत सरे उदाहरण आप देख सकते हो। 


 ) बचपन से ले कर अभी तक आप अपने छोटे छोटे achievements को याद करते रहना चाहिएआपने बचपन से लेकर अभीतक जो भी छोटे छोटे achievements किये है , उसे आप याद करे , और आप उस achievements को पूरा करने के लिए जो मेहनत करते थे उसी तरह से फिरसे मेहनत  करना सुरु  करे , आप जितनी मेहनत और लगन से अपने काम को पूरा कारोगे। उतने कम समय मे आप को उतनी ही जल्दी  achivements मिलती जाएगी। 

एक बच्चे और एक बड़े के काम करने में बहुत फर्क होता है , क्या आप जानते है की जितना समय लोगो को इस दुनिआ में हुआ है अच्छे और बुरी घटनाओ से उन लोगो के काम को करने का तरीका उतना ही अलग होता है , वो काम न होने पर जल्दी हर मन लेते है और जो लोग लगन से काम करने की कोसिस भी करते है उसे लोगो को भी बोलते रहने दो तुमसे ये बिलकुल नहीं हो पायेगा। , और जो छोटे बच्चे होते है उनको दुनियादारी की कोई भी जानकारी नहीं होती है उनके साथ अच्छी बुरी कोई भी घटना नहीं हुई है , उनको अगर काम करने के लिए दो तो वो पूरी मेहनत से काम करेंगे और वो भी लगन से। 
एक और बात जब विश्वास करने की बात आती है तो बड़े लोग ( यानी उम्र लायक इंसान जल्दी किसी पे विश्वास नहीं कर पते है और बच्चे जल्दी विश्वाश कर लेते है।  क्युकी बच्चे सोचते कम और करते ज्यादा है ,उसका उल्टा बड़े लोग करते है करते कम और सोचते ज्यादा है , करने का काम भी सोचने में निकल देते है। 
में आपको एक कहानी सुनती हु , आप इसे  धियान से सुनिए आपको इसमें से बहुत कुछ सिखने के लिए मिलेगा। 
 
एक कुआ था, उसमे बहुत सारे मेढक रहते थे , एक दिन सुनने में आया की पुरुष मेढको की स्पर्धा होने वाली है , कुए के सरे मेढक एकसाथ इकट्ठा हुए , जो सरपंच मेढक था उसने बताया की जो मेढक कुए के सबसे ऊचे पत्थर को छुएगा, उसे परुषो मेढक की गिनती में सबसे श्रेस्ट मेढक माना जायेगा। 
जब स्पर्धा सुरु हुई तब कुछ  ५ मेढको ने भाग लिया , अब स्पर्था सुरु होती है ,  पहला मेढक आता है वो दो से तीन बार कोसिस करता है फिर हार मान कर चला जाता है , फिर दूसरा मेढक आता है वो अच्छी कोसिस करता है लेकिन लोग उसे बोलते है तू नहीं कर पायेगा वो सुन कर हार मान कर चला जाता है वैसे २ और मेढक आते है इसी तरह से वो भी हर मन कर चले जाते है , फिर एक स्पर्था के आखिरी में एक सबसे छोटा मेढक बचता वो कोसिस करता है, वो कोसिस करता ही रहता है, जितनी बार गिरता है उतनी बार उठता है फिर से कोसिस करता है। और लोगो को चिल्लाते हुए देख कर उसका उत्साह और बढ़ जाता है, उसे लगता है सब मेढक मेरा उत्साह बड़ा रहे है और वो  मेहनत करता ही रहता है , और आखिर कार वो कुए के सबसे ऊंचे पत्थर को छू भी लेता है , और उसे बहुत खुसी महसूस होती है। और बादमे लोग उसे बहुत सराहते है , media  वाले उसका interview  लेने आते है और उसे सवाल भी पूछते है , लेकिन वो किसी की बात का कोई जवाब नहीं देता है लोगो को बाद में पता चलता है की वो सुन नहीं सकता है , सायद यही बात उसके जितने की वजह बन गई है।  नहीं लोगो की बाते सुन कर वो भी हार मान लेता। 
इससे आपको क्या सिखने मिला लोगो की मत सुनो सिर्फ कर्म पे धियान दो।




 ) सोचने कम करे ज्यादा : सोचना / विचार करना अच्छी बात है लेकिन ज्यादा सोचना और सोचते ही रहना ये एक बीमारी बन गई है, जो पुरे संसार को दिमाग की तरह खाई जा रही है। , जैसे की एक बड़ी opportunity मिली उस समय आप क्या करोगे।  
दुनिया में ३ तरह के लोग होते है १ ) पहला जो लोग सोचते हीं उस काम को करना सुरु कर देते है ,
२) जो थोड़ा सोचेंगे फिर उस काम को करना सुरु करते है, ३) इस तरह के इंसान हमेसा सोचते ही रहते है , कभी करते नहीं इससे इनका Time बहुत बर्बाद हो जाता है। 
इससे भी ज्यादा हद तब हो जाती है जब लोग एक ही बात को बात को बार बार सोचते रहते है, जैसे की किसी ने कुछ उनको बोल दिया वो सामने तो उनको कुछ नहीं बोलते लेकिन वह से निकल जाने के बाद ऐसी story  बनाएंगे मुझे ये बोलना चाहिए में ये बोल सकता था, फिर पूरी रात ये ही सोचते रहेंगे, अगर अब मुझे वो मुझे फिरसे ऐसा बोलता है तो में उसे ऐसा बोल दूंगा, वैसा बोल दूंगा। 
अगर आपको किसी को कुछ बोलना हो तो सामने ही बोल दो उसी दिन अगर हम उसी दिन अगर वो बात नहीं बोलते है तो हमारा धियान उसी में दूसरा काम भी नहीं कर पता। 
लोग अपने अतीत के बारे में बहुत सोचते रहते है उसी को बार बार दीमाग मे दोहराते रहते है, सही बात है अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए, लेकिन हमेसा याद भी नहीं रखना चाहिए उससे हमेसा दोहराना भी नहीं चाहिए, अगर आप अतीत को एक तरफ रख कर सिर्फ आज की बात करते हो और आज को अच्छी तरह से जीते हो , तो आने वाले समय में  99% आपको कोई प्रोब्लम नहीं आएगी।, सिर्फ आज में जीना सिख लीजिये , जो हमारे साथ बित गया है उसे बित जाने दो उसे हम भूतकाल में जाके सुधार नहीं सकते, भविष्य में क्या होने वाला है वो हमें पता नहीं होता इसलिए आज को ही जीना सिख लो जिंदगी सुधर जाएगी।  


                      

) दुसरो से खुदकी तुलना करना, और करवाना बंद करे : दुसरो से जितनी जल्दी खुदकी तुलना करना और करवाना बंद करदोगे उतना अच्छी तरह आप जिंदगी को जी पाओगे, आप एक अलग इंसान हो, आपको क्यों किसी के जैसा बनना है ? खुदको ऐसा बनाओ के लोग आपके जैसा बने आपको किसी के जैसा बनने की जरुरत नहीं है, क्युकी भगवन ने हर एक इंसान के अंदर  एक अद्भुत शक्ति उसे तोफे के रूप में दी है, लेकिन आपको उसे पहचानना पड़ेगा उसे महसूस करना पड़ेगा, और उस शक्ति को मेहनत करके निखारना पड़ेगा, तभी वो शक्ति काम करती है।, कुछ लोग हमेसा आपकी तुलना दुसरो से करते रहते है। 
जैसे की माँ बाप:  हमेसा बोलते रहते है अरे उसके लड़के को देखो वो कितनी पढाई करता है, कितना काम करता वो ऐसा है, तू वैसा है, फिर अगर आप कही पे जोब करते हो तो वह पे कोई न कोई ऐसा नमूना जरूर होता वो ऐसा बोलता है के उसे देखो वो अभी अभी आया है या आई है वो तुमसे अच्छा काम करता है तुम क्या करते हो पुरे दिन तुमसे इतना नहीं होता है। फिर आपके दूर के रिस्तेदार हो या पास रिस्तेदार हो वो भी कुछ ना कुछ ऐसा topic लेके ही आते है, और आपके दोस्त तो और भी बड़ा चढ़ाके बोलते है। 
ऐसे लोगो को आप clear   मुँह पे मना कर दे, के आप मेरी तुलना किसी से मत करो, अगर आपको मेरी अंदर कमी लगती है तो मुँह पे बोल सकते हो मुझसे हो सकता है, जीतना हो सकता है मे उतना सुधारने की कोसिस करूँगा/करुँगी, और में किसी के जैसा या जैसी नहीं बनना चाहती या चाहता। इसी तहर आप आगे बढ़ पाओगे, खास कर बहार के  लोग ऐसा अगर आपको बोलते है तो आप उनको clear  मुँह पर बोल दीजिये अगर आप को मेरा साथ अच्छा लगता है तो आप मेरे साथ रहिये, घर के लोगो से कहिये तुलना मत करो, मुझमे कोई कमी है तो में सुधारने की कोसिस जरुर करुगा या करुँगी। 



एक confidence  ऐसा भी होता है जो लाना पड़ता है। 

१. इस confidence  में लोग video  देख कर या फिर workshop  attend करके Confidence लाने का सोचते है, video  से या फिर  workshop  attend करने से  Confidence तो आ जाता है लेकिन हमेसा के लिए नहीं आता है, आपको बार बार video और workshop का सहारा लेना पड़ता है तभी आपका Confidence बना रहेगा। अगर आप video  या workshop नहीं देखते हो तो आपको जब problem  पड़ेगी, तो आपका Confidence तुरंत की तुरंत कम हो जाता है। इसलिए हो सके तो self confidence ही लाये और अपनी लाइफ मे जितनी भी problem  आ रही है उसे दूर कर दे।

इच्छा रखती हु की संगीता का ये blog आपको पसंद आया होगा।

टिप्पणियाँ

Useful for positive think in job ने कहा…
Very good think nd i follow this tips .thank you.
Useful for positive think in job ने कहा…
Nice thanks for very good topic
बेनामी ने कहा…
Verry nice

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